लंबी दूरी की ट्रेनों में नहीं मिलेगी गंदगी
नई दिल्ली:ट्रेनों में गंदगी की शिकायत आम है। सबसे ज्यादा परेशानी लंबी दूरी की ट्रेनें में होती है। रास्ते में सफाई नहीं होने के कारण कोच में गंदगी फैल जाती है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रास्ते में उनकी शिकायत सुनने वाला भी कोई नहीं होता है। यात्रियों की इस समस्या के समाधान के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग (ओबीएचएस) की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है ताकि चलती ट्रेन में सफाई हो सके। वहीं, जिन ट्रेनों में यह सुविधा है, उसे और बेहतर किया जाएगा। इसके लिए रेल मंत्रलय ने सभी रेलवे जोन को पत्र जारी किया है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान का असर रेल प्रशासन पर भी दिख रहा है। स्टेशनों के साथ ही ट्रेनों को साफ रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। 26 सितंबर से छह माह के लिए विशेष सफाई अभियान शुरू किया गया है।
इसी कड़ी में लंबी दूरी की मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में ओबीएचएस की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल लगभग साढ़े पांच सौ ट्रेनों में यह सुविधा है, लेकिन शीघ्र ही करीब 1700 ट्रेनों में भी यह सेवा शुरू हो जाएगी। इसके लिए उत्तर रेलवे सहित अन्य जोन ट्रेनों की सूची तैयार करेंगे। प्राथमिकता उन ट्रेनों को दी जाएगी, जो 1500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करती हैं। अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी की ट्रेनों में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ प्रमुख स्टेशनों पर इनकी सफाई भी होती है। इसके बावजूद स्लीपर कोच में सफाई की समस्या बनी रहती है। इसलिए ओबीएचएस की सुविधा शुरू होने से यह परेशानी दूर होने की उम्मीद है। इसके साथ ही प्रत्येक स्लीपर कोच में कूड़ेदान भी लगाने की योजना है ताकि लोग कूड़ा डाल सकें। इससे भी कोच को साफ रखने में मदद मिलेगी ज्ञात हो कि राजधानी, शताब्दी सहित कई ट्रेनों व कई एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोच में यह सुविधा उपलब्ध है। लेकिन इसमें भी अक्सर शिकायतें मिलती रहती है। कई बार पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की तैनाती नहीं होने से रास्ते में कोच की सफाई नहीं हो पाती है। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर तीन कोच पर एक कोच सुपरिटेंडेंट की तैनाती हो। उसकी जिम्मेदारी होगी कि कोच में सफाई व्यवस्था बनी रहे। अधिकारियों ने बताया कि एसएमएस से सफाई की शिकायत करने की भी व्यवस्था की जा रही है। ऐसा होने से यात्री अपनी शिकायत अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे।
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